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Sunday, December 14, 2014

उसने कहा था / कुमार अनुपम

पानी पर लिखा
एक ने संदेश
दूसरे ने ठीक-ठीक पढ़ा
समझ लिया
गढ़ा नया वाक्य
नई लिपि
नई भाषा का जैसे आविष्कार किया

दौर की हवा - कुल हवा -
से एक की साँसों की हवा
को चुंबन में चुना
होठों पर सजा लिया

प्रेम में
उन पर
जैसे सच साबित हुए
घटिया फिल्मों के गाने
बहाने भी
कितने विश्वसनीय लगे

प्रेम में
चुना क्या शब्द कोई एक
नया वाक्य नई लिपि नई भाषा
महसूस सका?

पूछूँ जो कविता से - ‘तेरी कुड़माई हो गई?’
-‘धत्’ - कहे और भाग जाए ऐसे
कि लगे
सिमट आई है और ...और पास।

कुमार अनुपम

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