वे बड़े थे,
बहुत बड़े,
वे बहुत ज्ञानी थे,
बड़े होने के लिए जरूरी हैं
कितनी सीढियाँ
वे गिनती जानते थे,
वे केवल बड़े बनने से
संतुष्ट नहीं थे,
उन्हें बखूबी आता था
बड़े बने रहने का भी हुनर,
वे सिद्धहस्त थे
आंकने में
अनुमानित मूल्य
इस समीकरण का,
कि कितना नीचे गिरने पर
कोई बन सकता है
कितना अधिक बड़ा ............
Monday, December 29, 2014
बड़े लोग / अंजू शर्मा
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