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Wednesday, December 31, 2014

जियो तो ऐसे जियो / अनिता ललित

चढ़ो... तो आसमाँ में चाँद की तरह...
कि आँखों में सबकी... बस सको...
ढलो... तो सागर में सूरज की तरह...
कि नज़र में सबकी टिक सको...!

अनिता ललित

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