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Monday, December 22, 2014

ईश्वर की खोज / कृष्ण कुमार यादव

मैं कई बार सोचता हूँ
ईश्वर कैसा होगा ?
कितनी ही तस्वीरों में
देखा है उसे
पर दिल को तसल्ली नहीं
मैं उससे मिलना चाहता हूँ
बचपन से ही देखा है मैंने
लोगों को पत्थर की मूर्तियों
और पीपलों को पूजते
लोगों की निगाहों से छुपकर
उन पत्थर की मूर्तियों को
उलट-पलट कर देखा
और उन्हें पुकारा भी
पर उसने नहीं सुना
लेकिन मुझे लगता है
जब-जब जरूरत हुई
किसी ने राह दिखायी मुझे
मैं उसे देख नहीं सकता
पर महसूस करता हूँ
शायद वह मेरे ही अंदर
कहीं बैठा है !!

कृष्ण कुमार यादव

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