Pages

Wednesday, January 1, 2014

फ़र्क पड़ता है / कृष्णमोहन झा

सिर्फ़ बस्ती के उजड़ने से नहीं
सिर्फ़ आदमी के मरने से नहीं
सिर्फ़ गाछ के उखड़ने से नहीं
एक पत्ती के झड़ने से भी फ़र्क पड़ता है

कृष्णमोहन झा

0 comments :

Post a Comment