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Tuesday, January 28, 2014

ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 8 / उमेश चौहान

मस्तिष्क में पैदा हुआ ऊसरपन भी
दूर किया जा सकता है
थोड़े से तेजाबी विचारों का घोल
धीरे-धीरे पेवश्त कर
जड़ता की अभेद्य परत में छिपी
सिकुड़ी-सूखी शिराओं में
जैसे पहाड़ी शिला से छिटका हुआ कोई पत्थर
नदी के तीव्र प्रवाह में
धीरे-धीरे घिसता हुआ
एक दिन बन जाता है
पूजा-गृह में रखा जाने वाला सुघड़ शिवलिंग।

उमेश चौहान

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