Pages

Tuesday, January 21, 2014

परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना / अमीर खुसरो

परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।

अमीर खुसरो

0 comments :

Post a Comment