करे कोशिश अगर इन्सान तो क्या-क्या नहीं मिलता
वो उठकर चल के तो देखे जिसे रास्ता नहीं मिलता
भले ही धूप हो कांटे हों पर चलना ही पड़ता है
किसी प्यासे को घर बैठे कभी दरिया नहीं मिलता
कमी कुछ चाल में होगी , कमी होगी इरादों में
जो कहते कामयाबी का हमें नक्शा नहीं मिलता
कहें क्या ऐसे लोगों से जो कहकर लड़खड़ाते हैं
की हम आकाश छू लेते मगर मौक़ा नहीं मिलता
हम अपने आप पर यारो भरोसा करके तो देखें
कभी भी गिडगिडाने से कोई रुतबा नहीं मिलता
Saturday, January 25, 2014
करे कोशिश अगर इन्सान तो क्या-क्या नहीं मिलता / अशोक अंजुम
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