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Friday, January 24, 2014

वक्त का अकबर / अनीता कपूर

नहीं सुन पाती अब
तेरी खामोशियों की दीवारों पर
लिखे शब्द
चुनवा दिया है
मेरे अहसाहों को
वक्त के अकबर ने
नज़रों की ईंटों से
और मैं
एक और अनारकली
बन गयी हूँ मैं

अनीता कपूर

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