करम उनका ज़फा उनकी सितम उनका वफा उनकी
हमारा आबला अपना मुहब्बत में अना उनकी
तबस्सुम भी उन्हीं का और शोखी भी उन्हीं की है
हमारा अश्क अपना और चेहरे की हया उनकी
जूनून-ए-शौक दीद अपना और ये रूसवाइयाँ अपनी
ये सर सर की तपिश अपनी और वो वादे सबा उनकी
ये प्यासे लब भी अपने ये खाली जाम भी अपना
वो और को पिलाये है यही नाज़ुओ अदा उनकी
मेरे ज़ख़्मे जिगर का हाल आरिफ कुछ बता उनको
कभी ऐ काश हो जावे मेरी खातिर दुआ उनकी
Sunday, November 2, 2014
करम उनका ज़फा उनकी सितम उनका वफा उनकी / अबू आरिफ़
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