मुहाने पर नदी, नदी नहीं रहती समुद्र, समुद्र नहीं रहता दोनों मिलकर बनाते हैं पानी की एक महा कलछुल पर कोई ठठेर है पहाड़ी सात समुन्दर पार जो लगाता रहता है रोज़ इसकी बोली
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