(एक बार एक गोरे अधिकारी ने रेड इण्डियन्स की ज़मीन पर कब्ज़ा जमाने के लिए उनके सरदार से पेशकश की, उसके ज़वाब में सरदार ने उस गोरे अधिकारी से रेड इण्डियन्स की प्रकृति से सम्बद्ध जीवन के बारे में लम्बी बहस की और उसे किसी भी तरह अपनी ज़मीन देने से इनकार कर दिया और कहा कि तुम्हारे लिए यह धरती दुश्मन का इलाका भर है जिसे तुम जीत कर आगे बढ़ जाते हो।
उसके बाद एक बार फिर एक दिन गाँव के बुजुर्ग डोडे वैद्य ने गोंडवाना के युवा गोंड से कहा कि कोंड डोंगरिया, हो, मुण्डा, सन्थाल, उराँव, खडिय़ा, चीक, असुर सबसे कह दो कि अधिकारियों और व्यापारियों के पैर उनकी तरफ़ बढ़ने से पहले यहीं रोक दें।)
वहाँ तुमने अपना झण्डा गाड़ा
और फ़सलों को रौंद कर आगे बढ़ गए,
अब तुम्हारे सामने नदी थी
तुमने नदी का पानी पीया और उसके बाद उसे पहले गन्दला किया ताकि उसे
और कोई न पिए
फिर भी प्यासों ने गन्दे पानी से अपनी प्यास बुझाई तो तुमने उसे सोख लिया अब
पक्षी और तितलियाँ बिना पानी के मरने लगी हैं
तुम और आगे बढ़े, एक और नदी पर कब्ज़ा जमाया
तुमने अपने रास्ते के सारे जंगल उजाड़ डाले
जो जानवर तुम्हारी शोभा बढ़ा सकते थे उसे तुमने अपने पिंजरे में क़ैद कर लिया
और जो बाक़ी बचे थे उसका सामूहिक संहार किया,
तुमने पहाड़ पर कब्ज़ा कर उसकी ऊँचाई काट डाली,
तुम धरती के सभी प्राणियों को अनाथ कर विजेता बने हो
तुम्हारे लिए यह धरती दुश्मन का इलाका भर है
जिसे तुम जीत कर आगे बढ़ जाते हो
रचनाकाल : 19 मार्च 2013
Friday, January 24, 2014
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