ये शहर होते हुए-से गाँव
- पहचाने नहीं जाते।
- पहचाने नहीं जाते।
लोग जो फ़ौलाद के मानिन्द थे
- अब रह गए आधे,
- अब रह गए आधे,
दौड़ते-फिरते विदूषक-से
- मुरेठा पाँव में बांधे,
- मुरेठा पाँव में बांधे,
नाम से जुड़ते हुए कुहराम
- पहचाने नहीं जाते।
- पहचाने नहीं जाते।
दाँव पर अन्धी सियासत के, हुए
- गिरवी सभी चौपाल,
- गिरवी सभी चौपाल,
ख़ून के रिश्ते हुए गुमराह
- चलते हैं तुरूप की चाल,
- चलते हैं तुरूप की चाल,
तेज़ नख वाले नए उमराव
- पहचाने नहीं जाते।
- पहचाने नहीं जाते।
अब न वे नदियाँ, न वे नावें
- हवाएँ भी नहीं अनुकूल,
- हवाएँ भी नहीं अनुकूल,
हर सुबह होती किनारे लाश
- पानी पर उगे मस्तूल,
- पानी पर उगे मस्तूल,
आँधियों के ये समर्पित भाव
- पहचाने नहीं जाते।


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