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Thursday, January 2, 2014

देखे न इस जगत में, बिन तमा के भेख / गंगादास

देखे न इस जगत में, बिन तमा[1] के भेख ।
असली भेखी न मिले, भेख लिए सब देख ।।

भेख लिए सब देख मिले भेखों में भेखी ।
जो भेखों से परे तमा उनमें न देखी ।।

गंगादास बेतमा, तमामी[2] कर गए लेखे ।
तप में उमर तमाम करी बेतमा न देखे ।।

गंगादास

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