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Sunday, November 2, 2014

हाय शरमाऊँ, किस किस को बताऊँ / आनंद बख़्शी

 
हाय शरमाऊँ, ओए ओए
हाय शरमाऊँ, किस किस को बताऊँ
ऐसे कैसे मैं सुनाऊँ सब को
अपनी प्रेम कहानियाँ, अपनी प्रेम कहानियाँ
बालम की, बालम की
हाय तीन निशानियाँ

हाय शरमाऊँ, किस किस को बताऊँ
ऐसे कैसे मैं सुनाऊँ सब को
अपनी प्रेम कहानियाँ, अपनी प्रेम कहानियाँ

पहली निशानी मैं हूँ जिसकी दीवानी
पहली निशानी मैं हूँ जिसकी दीवानी
रुत जैसी तूफ़ानी ऐसी उनकी जवानी मस्तानी
उसके आगे फीकी लागे हाय सबकी जवानियाँ

कुर्ता है नीला रंग पगड़ी का पीला
कुर्ता है नीला रंग पगड़ी का पीला
रूप उसका कटीला ऐसा है छैला
रूप उसका कटीला ऐसा है छैला, रंगीला
चाल शराबी, रंग गुलाबी
ते अखाँ मस्तानियाँ

आँखों को मींचे देखो साँसों को खींचे
आँखों को मींचे देखो साँसों को खींचे
वहाँ पीपल के नीचे मेले में सबसे पीछे
वहाँ पीपल के नीचे मेले में सबसे पीछे
खड़ा है, नींद उड़ाये, चैन चुराये
ते करे बेइमानियाँ

आनंद बख़्शी

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