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Tuesday, March 25, 2014

मजदूर का जन्म / केदारनाथ अग्रवाल

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
हाथी सा बलवान,

जहाजी हाथों वाला और हुआ !

सूरज-सा इन्सान,

तरेरी आँखोंवाला और हुआ !!

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
माता रही विचार,

अँधेरा हरनेवाला और हुआ !

दादा रहे निहार,

सबेरा करनेवाला और हुआ !!

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
जनता रही पुकार,

सलामत लानेवाला और हुआ !

सुन ले री सरकार!

कयामत ढानेवाला और हुआ !!

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !

केदारनाथ अग्रवाल

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