मेरी मस्ती के अफसाने रहेंगे
जहाँ गर्दिश में पैमाने रहेंगे
निकाले जाएँगे अहल-ए-मोहब्बत
अब इस महफिल में बे-गाने रहेंगे
यही अंदाज-ए-मै-नोशी रहेगा
तो ये शीशे न पैमाने रहेंगे
रहेगा सिलसिला दा-ओ-रसन का
जहाँ दो-चार दीवाने रहेंगे
जिन्हें गुलशन में ठुकराया गया है
उन्हीं फूलों के अफसाने रहेंगे
ख़िरद ज़ंजीर पहनाती रहेगी
जो दीवाने हैं दीवाने रहेंगे
Wednesday, April 2, 2014
मेरी मस्ती के अफसाने रहेंगे / कलीम आजिज़
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