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Sunday, April 13, 2014

हुस्न के लाखों रंग / आनंद बख़्शी

 
हुस्न के लाखों रंग
कौन सा रंग देखोगे
आग है ये बदन
कौन सा अंग देखोगे

गालों के ये फूल गुलाबी
इनकी रंगत क्या जानो
होंठों के दो जाम शराबी
इनकी लज़्ज़त क्या जानो
ज़ुल्फ़ों की ये छाँव घनेरी
इनकी राहत क्या जानो
हुस्न के लाखोन रंग ...

पदर्ए में क्या छुपा हुआ है
तेरी नज़र ये क्या जाने
इन आँखों के पीछे कितने
बसे हुए हैं मैखाने
पीके देखो जाम नज़र का
हो जाओगे दीवाने
हुस्न के लाखोन रंग ...

आनंद बख़्शी

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