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Wednesday, April 16, 2014

हाल-ए-गम उन को सुनाते जाइए / ख़ुमार बाराबंकवी


हाले-ग़म उन को सुनाते जाइए
शर्त ये है मुस्कुराते जाइए

आप को जाते न देखा जाएगा
शम्मअ को पहले बुझाते जाइए

शुक्रिया लुत्फ़े-मुसलसल का मगर
गाहे-गाहे दिल दुखाते जाइए

दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
दोस्तों को आज़माते जाइए

रोशनी महदूद हो जिनकी 'ख़ुमार'
उन चराग़ों को बुझाते जाइए

ख़ुमार बाराबंकवी

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