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Sunday, April 13, 2014

आँसू / आस्तीक वाजपेयी

मेरे आँसू तुम्हें देखकर
थम जाते हैं,

मेरा चेहरा हिमालय की
एक भीषण चोटी की तरह
उन्हें जमा लेता है ।

मुझे पता नहीं कि तुम सामने हो,

या आँसुओं ने आँखों पर दया कर
भ्रम पैदा कर दिया ।

आस्तीक वाजपेयी

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