Pages

Saturday, October 26, 2013

सबद-2 / ओम पुरोहित ‘कागद’

इयां इ नीं
बिरथा गमाओ
सबदां नै
राखणा पड़सी
कीं सबद
दूसर नेड़ा
आवण रै मिस
मून तोड़ण सारू ।

ओम पुरोहित ‘कागद’

0 comments :

Post a Comment