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Tuesday, October 29, 2013

आँखों-आँखों में हम-तुम / आनंद बख़्शी

 
किशोर:
आँखों-आँखों में हम-तुम हो गए दीवाने

आशा:
बातों-बातों में देखा बन गए अफ़साने

किशोर:
आँखों-आँखों ...
हम अजनबी थे तुम थे पराए
इक दूसरे के दिल में समाए
हम और तुम में उफ़ ये मोहब्बत कैसे हो गई
हम तुम जाने नहीं जाने

आशा:
बातों-बातों ...

किशोर:
कितनी हसीन ये तनहाइयाँ हैं

आशा:
तन्हाइयों में रुस्वाइयाँ हैं

किशोर:
रुसवाइयों से डरते नहीं हम

आशा:
छेड़ो प्यार की बातें

किशोर:
छोड़ो ये बहाने

दोनों:
आँखों-आँखों ...

आनंद बख़्शी

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