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Sunday, October 27, 2013

भूलना / अच्युतानंद मिश्र

एक डूबते हुए आदमी को
एक आदमी देख रहा है
एक आदमी यह दृश्‍य देख कर
रो पड़ता है
एक आदमी आँखें फेर लेता है
एक आदमी हड़बड़ी में देखना
भूल जाता है
याद रखो
वे तुम्‍हें भूलना सिखाते हैं ...

अच्युतानंद मिश्र

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