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Thursday, October 31, 2013

कितना अच्छा था / इरशाद खान सिकंदर

कितना अच्छा था
जब मैं छोटा था

चोट भी लगती थी
दर्द भी होता था

शेर तो ताज़े थे
लहजा कच्चा था

इरशाद ख़ान सिकन्दर

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