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Thursday, October 16, 2014

पानी बाढो नाव में / गिरिधर

पानी बाढो नाव में, घर में बाढो दाम।
दोनों हाथ उलीचिए, यही सयानो काम॥

यही सयानो काम, राम को सुमिरन कीजै।
परमारथ के काज, सीस आगै धरि दीजै॥

कह 'गिरिधर कविराय, बडेन की याही बानी।
चलिये चाल सुचाल, राखिये अपनो पानी॥

गिरिधर

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