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Friday, October 31, 2014

भरोसा / आकांक्षा पारे

भरोसा बहुत ज़रूरी है
इन्सान का इन्सान पर

यदि इन्सान तोड़ता है यकीन
तब
इन्सान ही कायम करता है इसे दोबारा

भरोसे ने ही जोड़ रखें हैं पड़ोस
भरोसे पर ही चलती है कारोबारी दुनिया
भरोसे पर ही
आधी दुनिया
उम्मीद करती है अच्छे कल की

आज भी सिर्फ़
भरोसे पर ही
ब्याह दी जाती हैं बेटियाँ

आकांक्षा पारे

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