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सहर का हुस्न गुलों का शबाब देता हूँ / ख़ुर्शीद अहम...
भरोसा / आकांक्षा पारे
हम कब शरीक होते हैं / अकबर इलाहाबादी
दो शे'र / अख़्तर अंसारी
निहाल सिंह / अच्युतानंद मिश्र
शैदाए वतन / गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
गाँव की आँख से बस्ती की नज़र से देखा / 'असअद' बदायुनी
अज़नबी अबके आश्ना सा था / अमित
मायूस कर रहा है / अकबर इलाहाबादी
लोहा / एकांत श्रीवास्तव
शहर मुझको तेरे सारे मुहल्ले याद आते हैं / अमित
आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / 'अना' क़ासमी
हास्य-रस -एक / अकबर इलाहाबादी
यानी-ला-यानी / अली मोहम्मद फ़र्शी
हम को हमीं से चुरा लो / आनंद बख़्शी
मैं ने कब चाहा कि मैं उस की तमन्ना हो जाऊँ / अब्दु...
मन कभी घर में रहा, घर से कभी बाहर रहा / गिरिराज शर...
ज्ञानीजन / ऋतुराज
अहेरी / उमाकांत मालवीय
निहाल-ए-वस्ल नहीं संग-बार / अहमद 'जावेद'
तुम्हारी गति और समय का अंतराल / अनुज लुगुन
सिन्दूर लगाना (डपटना) / अम्बर रंजना पाण्डेय
अब खोलो स्कूल / ओम धीरज
गौरव गान / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
जिस ग़म से दिल को राहत हो, उस ग़म का मदाबा क्या मा...
सन ४७ को याद करते हुए / केदारनाथ सिंह
डायरी / अरुण आदित्य
काली काली घटा देखकर / कैलाश गौतम
सब को दिल के दाग़ दिखाए एक तुझी को दिखा न सके / इब...
अभी ज़मीन को सौदा बहुत सरों का है / 'असअद' बदायुनी
लज्ज़त-ए-दर्द-जिगर याद आई / 'क़मर' मुरादाबादी
मौसियाँ / अनामिका
एक कली / अमोघ
पत्नी और घर / कौशल किशोर
अव्यक्त / कुमार अंबुज
वादा उस माह-रू के आने का / 'अख्तर' शीरानी
एक अशीर्षक समय में / कुमार अनुपम
फिर भी / अरुण कमल
क़ामत-ए-यार को हम याद किया करते हैं / इमाम बख़्श '...
पढ़बा-लिखबा न त डोम-चमार बनबा !! / अनुज कुमार
हुसैन / ”काज़िम” जरवली
रह-रवी है न रह-नुमाई है / मुल्ला
मेरा हृदय / अरुणा राय
तस्वीर में माँ और उनकी सहेलियाँ / अरविन्द श्रीवास्तव
सरस्वती स्तुति / कमलानंद सिंह 'साहित्य सरोज'
पहाड़ बिफर गया / ओम पुरोहित ‘कागद’
भ्रष्ट समय में कविता / उल्लास मुखर्जी
गोरे रँग पे न इतना गुमान कर / आनंद बख़्शी
न ये तूफ़ान ही अपने कभी तेवर बदलते हैं / अशोक रावत
घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है / अदम गोंडवी
आज से पहले तेरे मस्तों की ये / सरूर
तेरे हलके से तबस्सुम का इशारा भी / ज़ैदी
कभी मोम बनके पिघल गया कभी गिरते गिरते सम्भल गया / ...
जनतंत्र का अभिमन्यु / उमेश चौहान
विष में अमृत होत है, भगवत वर परसाद / गंगादास
दयार-ए-नूर में तीरा-शबों का साथी हो / इफ़्तिख़ार आ...
दूरियाँ / इला प्रसाद
इज़्हार / फ़राज़
तुम आए हो तुम्हें भी आज़मा कर देख लेता हूँ / अहमद ...
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / 'अना' क़ासमी
झपटते हैं झपटने के लिए परवाज़ करते हैं / ख़ालिद महमूद
‘इंशा’ जी उठो अब कूच करो इस शहर में जी को लगाना क्...
चक्रान्त शिला – 17 / अज्ञेय
ताजमहल की छाया में / अज्ञेय
जी भर / अर्चना भैंसारे
करम गति टारै / कबीर
नदी की कहानी / कन्हैयालाल नंदन
ये जो चिलमन है दुश्मन है हमारी / आनंद बख़्शी
सर्जना के क्षण / अज्ञेय
बुजुर्ग पिता के झुके कन्धे हमें दुख देते हैं / उमा...
तपिश से मेरी वक़्फ़-ए-कशमकश हर तार-ए-बिस्तर है / ग...
कैसे कैसे लोग / कैलाश गौतम
उम्मीद / ऋतु पल्लवी
घर-4 / अरुण देव
पुण्यसलिला / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
धौलाधार / अनूप सेठी
प्यार एक अफ़वाह है / अरुणा राय
घर घर आपस में दुश्मनी भी है / अहसन यूसुफ़ ज़ई
गोआ / कुमार अंबुज
काजल / अविनाश मिश्र
घोड़े दौड़ रहे / कुमार विजय गुप्त
सावन / उमा अर्पिता
कविता मेरी / कैलाश गौतम
वह नहीं कहती / अशोक वाजपेयी
आदत / आशुतोष दुबे
ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर / ग़ालिब
देखिए अब बैठता है ऊँट किस करवट मियाँ / ओमप्रकाश यती
बादल गीत / कन्हैयालाल नंदन
जूते / अनूप सेठी
वो चाँदनी रात और वो मुलाक़ात का आलम / ग़ुलाम हमदान...
हक वफ़ा का जो हम जताने लगे / अल्ताफ़ हुसैन हाली
यार कब दिल की जराहत पे नज़र करता है / इनामुल्लाह ख...
बसंत के बारे में कविता / अनुज लुगुन
पूर्णग्रहण / अनामिका
डर / अच्युतानंद मिश्र
कह दो तो! / ओम निश्चल
धूप-सी नहीं खिल पाती देह / अमिता प्रजापति
मांद से बाहर / अभिनव अरुण
सभ्यता / अविनाश
चीज़ें / कुमार सुरेश
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Sunday, October 26, 2014
कह दो तो! / ओम निश्चल
ओम निश्चल
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