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Saturday, March 1, 2014

बेटियों का गीत / अनिल जनविजय

मैं मौन रहूँ
तुम गाओ

जैसे फूले अमलतास
तुम वैसे ही
खिल जाओ


जीवन के
अरुण दिवस सुनहरे
नहीं आज
तुम पर कोई पहरे

जैसे दहके अमलतास
तुम वैसे
जगमगाओ


कुहके जग-भर में
तू कल्याणी
मकरंद बने
तेरी युववाणी

जैसे मधुपूरित अमलतास
तुम सुरभि
बन छाओ



रचनाकाल : 2007

अनिल जनविजय

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