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Sunday, March 2, 2014

करमन की गति न्यारी / अंशु मालवीय

करमन की गति न्यारी

कर्ज़ की हमको दवा बताई
कर्ज़ ही थी बीमारी

साधो !
करमन की गति न्यारी ।

गेहूँ उगे शेयर नगरी में
खेतों में बस भूख उग रही
मूल्य सूचकांक पे चिड़िया
गाँव शहर की प्यास चुग रही
करखानों में हाथ कट रहे

मक़तल में त्यौहारी
साधो !
करमन की गति न्यारी ।

बढ़ती महंगाई की रस्सी
ग्रोथ रेट बैलेन्स बनाए
घट-बढ़ के सर्कस के बाहर
भूखों के दल खेल दिखाए
मेहनत-क़िस्मत-बरकत बेचें

सरकारी व्योपारी
साधो !
करमन की गति न्यारी ।

शहर-शहर में बरतन मांजे
भारत माता ग्रामवासिनी
फिर भी राशनकार्ड न पाए
हर-हर गंगे पापनाशिनी
ग्लोबल गाँव हुई दुनिया में

प्लास्टिक की तरकारी
साधो !
करमन की गति न्यारी !
अंशु मालवीय

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