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Friday, October 17, 2014

कौन है जो / अलका सिन्हा

ये कौन है जो मेरे साथ-साथ चलता है
ये कौन है जो मेरी धड़कनों में बजता है
मुस्कराता है मेरी बेचैनियों पर
दिन-रात मुझसे लड़ता है ।

रोकता है कभी जुबाँ मेरी
कभी बात करने को मचलता है
टीसता है ज़ख़्म का दर्द बनकर
कभी दर्द पर मरहम रखता है।
झटक के हाथ सरक जाता है कभी
कभी उम्र-भर साथ निभाने की क़सम भरता है ।

भीड़ में हो जाता है गुमसुम
ख़ामोशियों में बजता है
ये कौन है जो मेरे चेहरे पर
नूर-सा चमकता है !

अलका सिन्हा

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