Pages

Tuesday, October 1, 2013

हर मुलाकात के बाद / अरुणा राय

जो चीज हममें
कामन थी
वो था हमारा भोलापन
और बढता गया वह
हर मुलाकात के बाद
पर दुनिया हमेशा की तरह
केवल सख्‍तजां लोगों के लिए
सहज थी
सो हमारा सांस लेना भी
कठिन होता गया

और अब हम हैं

मिलते हैं तो गले लग रोते हैं
अपना आपा खोते हैं
फिर मुस्‍कुराते हंसते
और विदा होते हैं

अरुणा राय

0 comments :

Post a Comment