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हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता / आलम खुर...
केन पर भिनसार / अग्निशेखर
खाय गईँ खसम भसम को रमाय लाईँ / अज्ञात कवि (रीतिकाल)
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं / फ़राज़
खुश्बू की तरह साथ लगा ले गई हमको / इरफ़ान सिद्दीकी
गीत – 2 / उदय भान मिश्र
अब दो आलम से सदा-ए-साज़ आती है मुझे / अब्दुल हमीद ...
इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े / कैफ़ी आज़मी
गर्दिश का इक लम्हा यूँ बेबाक हुआ / अम्बर बहराईची
अकाल के बाद / उमाशंकर तिवारी
मिस्टर के की दुनिया: पेड़ और बम-७ / गिरिराज किराडू
जस्त भरता हुआ दुनिया के दहाने की तरफ़ / अंजुम सलीमी
वास्तविकता / अमित
सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का / अतुल अजनबी
क्यों / कीर्ति चौधरी
मैं घायल शिकारी हूँ / अनुज लुगुन
जनता का आदमी / आलोक धन्वा
पुलिस-महिमा / काका हाथरसी
कचरा बीननेवाला लड़का / कुमार सुरेश
उससे कहना कि कमाई के न चक्कर में रहे / 'अना' क़ासमी
विदेशिनी-2 / कुमार अनुपम
जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना / फ़राज़
क्या खोएंगे आज न जाने / ओमप्रकाश यती
इश्क़ सुनते थे जिसे हम वो यही है शायद/ अल्ताफ़ हुस...
शोर / अजेय
नई खोज / अनीता कपूर
वही है जुनूँ है वही क़ूच-ए-मलामत है / फ़राज़
हुस्न जब मेहरबान हो तो क्या कीजिए / ख़ुमार बाराबंकवी
आम की टहनी / कैलाश गौतम
सफ़र के बाद भी ज़ौक़-ए-सफ़र न रह जाए / अभिषेक शुक्ला
त्रिभंग / अजन्ता देव
ऐ दिला हम हुए पाबंद-ए-गम-ए-यार के तू / क़लंदर बख़्...
ग्लोब / अनुज लुगुन
जल्वा पाबंद-ए-नज़र भी है नज़र / ग़ुलाम रब्बानी 'ता...
मेरे नैना सावन भादों / आनंद बख़्शी
यूँ मिरे होने का मुझ पर आश्कार उस ने किया / अमीर इमाम
हाए लोगों की करम-फरमाइयाँ / 'कैफ़' भोपाली
उसका अपना ही करिश्मा है फ़सूँ है यूँ है / फ़राज़
भोला शंकर-1 / कुमार सुरेश
रोटी / अपर्णा भटनागर
चश्म-ए-हैरत सारे मंज़र एक जैसे हो गए / ख़ुशबीर सि...
इक आह-ए-ज़ेर-ए-लब के गुनह-गार / ज़ैदी
तेरा मुखु सुहावा जीउ सहज धुनि बाणी / अर्जुन देव
पर्दा उठा के महर को रूख़ की झलक दिखा के यूँ / ग़ुल...
पुण्य फलीभूत हुआ / अमरनाथ श्रीवास्तव
कुसुम चयन / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
वह हृदय नहीं है पत्थर है / गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
क़ुसूर इश्क़ में ज़ाहिर है सब हमारा था / ग़ुलाम रब...
धीर-धीरे / अमरजीत कौंके
माला फेरो स्वास की, जपो अजप्पा जाप / गंगादास
पत्ती / अशोक वाजपेयी
फूल की स्मरण-प्रतिमा / अज्ञेय
दो पाटों की दुनिया / गिरिजाकुमार माथुर
तज़ाद-ए-जज्बात में ये नाजुक मकाक आया तो क्या करोगे...
मन के सूरज का ढुलकना / अमिता प्रजापति
उम्मीद / अविनाश
विष्फोटक रसायन / अमित
अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है / अमीर मीनाई
ममता से करुणा से / कैलाश गौतम
रास्ता पुर-ख़ार दिल्ली दूर है / ख़ालिद महमूद
हज़ार वक़्त के परतव-नज़र में होते हैं / 'अज़ीज़' ह...
सुनो सागर / कुमार रवींद्र
इश्क़ की दुनिया में इक हंगामा बरपा कर दिया / एहसान...
गान्ही जी / कैलाश गौतम
ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल / अमीर खुसरो
वो जिएँ क्या जिन्हें जीने का हुनर / सरूर
ज़ेहन ओ दिल के फ़ासले थे हम जिन्हें सहते रहे / इफ़...
प्रेम कविता / अंजू शर्मा
अंदेशे / कैफ़ी आज़मी
कठपुतली / उद्भ्रान्त
मैं बीता कल हुआ तुम्हारा / अमित
पिया मुख थे चूता शराब-ए-मनव्वर / क़ुली 'क़ुतुब' शाह
सपनों की उधेड़बुन / ओम पुरोहित ‘कागद’
आके क़ासिद ने कहा जो, वही अक्सर निकला / आरज़ू लखनवी
तेरे बदन की धूप से महरूम कब हुआ / अशअर नजमी
घर-6 / अरुण देव
ख़्वाब आँखों से ज़बाँ से हर कहानी ले गया / इफ़्फ़त...
लबों पे नर्म तबस्सुम / अहमद नदीम क़ासमी
इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए / ...
नेतागीरी अफ़सरशाही / कैलाश गौतम
बंधक सुबहें / अजय पाठक
बरसो मेघ / कैलाश गौतम
आम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मगरिब में जा अटका है...
उदास बैठा दिए ज़ख़्म के जलाए हुए / आतीक़ अंज़र
सदियों तवील रात के ज़ानूँ से सर उठा / 'क़ैसर'-उल ज...
चुप किया जाना एक सजा है तुम्हारी खातिर / कुमार मुकुल
निगाह-ए-लुत्फ़ क्या कम हो गई है / अलीम 'अख्तर'
कंचन मनि मरकत रस ओपी / कृष्णदास
वेंटिलेशन / अरविन्द श्रीवास्तव
झूम कर बदली उठी और छा गई / 'अख्तर' शीरानी
हाण्डी / उद्भ्रान्त
सच्चा प्रेम / उमेश चौहान
हवा के पर कतरना अब ज़रूरी हो गया है / ख़ुशबीर सिंह...
हम और रस्सियाँ / अशोक भाटिया
दंगा / कुमार अनुपम
अजनबी अपना ही साया हो गया है / कविता किरण
पोशीदा क्यूं है तूर पे जलवा दिखा के देख / 'असअद' ब...
तस्वीरें / ”काज़िम” जरवली
अजनबी / अशोक कुमार पाण्डेय
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Sunday, November 24, 2013
अर्थशाला / भूमिका / केशव कल्पान्त
सर्वप्रथम एडम स्मिथ ने ही,
अति वैज्ञानिक रूप दिखाया।
इसलिये उनको ही सबने
अर्थशास्त्र का ‘जनक’ बताया।
केशव कल्पान्त
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