खिड़की खुली ज़रा ज़रा परदा सरक गया
कमरा था दिल का खाली कोई चुपके से आ गया
तो हंगामा हो गया
खिड़की खुली ज़रा ...
जब होश उड़े तो मैं होश में आया
खामोश खड़ा था मैं जोश में आया
ऐसी चली हवा ऐसी चली हवा ये शोला भड़क गया
कमरा था दिल का ...
ये मुखड़ा कितना नमकीन है यारों
ओ कोई फोटो खींचो क्या सीन है यारों
तौबा गज़ब हुआ ओ बाबा गज़ब हुआ
दम मेरा अटक गया
कमरा था दिल का ...
Sunday, November 3, 2013
खिड़की खुली जरा / आनंद बख़्शी
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