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Sunday, February 23, 2014

दिखावा जी हुजूरी और रियाकारी नहीं आती / आदिल रशीद

दिखावा जी हुजूरी और रियाकारी [1] नहीं आती
हमारे पास भूले से ये बीमारी नहीं आती
जो बस्ती पर ये गिद्ध मडला रहे हैं बात तो कुछ है
कभी बे मसलिहत [2] इमदाद[3] सरकारी नहीं आती
पसीने कि कमाई में नमक रोटी ही आएगी
मियां अब इतने पैसों में तो तरकारी [4]नहीं आती

आदिल रशीद

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