साईं सुआ प्रवीन गति वाणी वदन विचित्त
रूपवंत गुण आगरो राम नाम सों चित्त
राम नाम सों चित्त और देवन अनुरागयो
जहां जहां तुव गयो तहां तहां नीको लागयो
कह गिरिधर कविराय सुआ चूकयो चतुराई
वृथा कियो विश्वास सेय सेमर को साईं
साईं सुआ प्रवीन गति वाणी वदन विचित्त
रूपवंत गुण आगरो राम नाम सों चित्त
राम नाम सों चित्त और देवन अनुरागयो
जहां जहां तुव गयो तहां तहां नीको लागयो
कह गिरिधर कविराय सुआ चूकयो चतुराई
वृथा कियो विश्वास सेय सेमर को साईं
0 comments :
Post a Comment