Pages

Thursday, December 7, 2023

दिल का इक आह

 दिल का इक आह, गहरा घाव छुपाए हुए,

खामोश है पर हर बात बताए हुए। दिल का इक आह, आँखों में छलके हुए आँसू, जो बयाँ करते हैं ज़िन्दगी के सारे ग़म, सारे रंज।

दिल का इक आह, टूटी हुई ज़िन्दगी का आखिरी नज़ारा, जिसमें खोए हैं सारे सपने, सारे तस्वीरें। दिल का इक आह, उम्मीदों की टूटी हुई शाख, जिस पर नहीं लगते अब कोई नए सपनों के पत्ते।

दिल का इक आह, हार का कड़वा घूँट, जिसमें घुट कर रह गई हैं सारी ज़िन्दगी की कोशिशें। दिल का इक आह, अकेलेपन का एक भारी बोझ, जिसे ढोने में हार मान बैठा है दिल।

दिल का इक आह, बेबसी की एक दर्दनाक कहानी, जिसे सुनकर पिघल जाए पत्थर भी, रो पड़ें आसमान। दिल का इक आह, दर्द का एक गहरा समुद्र, जिसमें डूब कर खो गया है दिल का सारा सुकून।

दिल का इक आह, मासूमियत का एक टूटा हुआ खिलौना, जिसे कोई न समझ सका, कोई न उठा सका। दिल का इक आह, तन्हाई का एक अनंत सन्नाटा, जिसमें गुम है दिल का सारा अरमान, सारा ख्वाब।

दिल का इक आह, आखिरी साँस की एक गूंज, जिसके बाद खामोश हो जाएगी ज़िन्दगी की सारी कहानी। दिल का इक आह, एक अनकहा दर्द, जो रह जाएगा दिल के किसी कोने में, हमेशा के लिए।

0 comments :

Post a Comment