अपराधी देव हुए
ऎसे में क्या करें मंदिर की घंटियाँ
- उनको तो बजना है
- बजती हैं
- कई बार
- आपा भी तजती हैं
धूप मरी भोर-हुए
कैसे फिर धीर धरें मंदिर की घंटियाँ
- भक्तों की श्रद्धा वे
- झेल रहीं
- आंगन में अप्सराएँ
- खेल रहीं
उनके संग राजा भी
देख-देख उन्हें तरें मंदिर की घंटियाँ
- एक नहीं
- कई लोग भूखे हैं
- आँखों के कोये तक
- रूखे हैं
दर्द सभी के इतने
किस-किस की पीर हरें मंदिर की घंटियाँ ।
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