अद्वितीय किस्म के आस्थावान
और दुर्लभ किस्म के सुंदर
जीवन के बीचों-बीच
साक्षात ईश्वर की उपस्थिति में
अपने समूचे भोलेपन के साथ
उन्होंने उड़ा दी
एक मेमने की गर्दन।
देवदोष: दूरदराज़ पहाड़ी क्षेत्रों की लोक आस्थाओं में ग्राम देवता के नाराज़ हो जाने का परिणाम रोग कष्ट,अवनति आदे समझे जाते हैं । यह देवदोष कहलाता है। देवता के कोप से बचने के लिए वहाँ आज भी पशुबलि दी जाती है।
Wednesday, December 10, 2014
देव दोष / आत्मा राम रंजन
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