सात सुरों का बहता दरिया तेरे नाम ।
हर सुर में है रंग झनकता तेरे नाम ।
जंगल-जंगल उड़ने वाले सब मौसम,
और हवा का सर्द दुपट्टा तेरे नाम ।
तेरे बिना जो उम्र बिताई, बीत गई,
अब इस उम्र का बाक़ी हिस्सा तेरे नाम ।
जितने ख़्वाब ख़ुदा ने मेरे नाम लिखे,
उन ख़्वाबों का रेशा-रेशा तेरे नाम ।
Friday, December 12, 2014
सात सुरों का बहता दरिया तेरे नाम / अय्यूब ख़ावर
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