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Thursday, March 6, 2014

ख़ामोशी / उत्‍तमराव क्षीरसागर

ख़ामोश हैं
लब
सब ख़ामोश हैं


सब ख़ामोश है


राजा-प्रजा
महल-माढी
घोडा-गाडी
सब


सब के सब ख़ामोश हैं ।


काल कहता है कथा
हूँकारी देती है ख़ामोशी
केवल हाँ केवल ख़ामोशी
सुनती है काल-कथा


शेष
ख़ामोश हैं सब
सबके लब ख़ामोश हैं

                  - 2000 ई0

उत्‍तमराव क्षीरसागर

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